*हरिद्वार पंत दीप पार्किंग टेंडर में घोटाले और अनियमितता की जांच पूरी, CBI ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की, अधीक्षण अभियंता निलंबित
हरिद्वार,
वर्ष 2019 में हरिद्वार की पंतदीप पार्किंग नीलामी को लेकर उठे विवाद पर अब जांच से स्थिति स्पष्ट हो गई है। उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश पर हुई CBI जांच में यह निष्कर्ष सामने आया कि नीलामी प्रक्रिया में कुछ प्रशासनिक अनियमितताएं थीं, जिन्हें सिविल प्रकृति की माना गया है। फौजदारी अपराध की पुष्टि न होने पर CBI ने Final Report (FR) दाखिल कर दी, जिसे CBI कोर्ट देहरादून ने 01 फरवरी 2025 को स्वीकार कर लिया।
मामला उस समय सामने आया था जब यह आरोप लगाया गया कि दो सगे भाइयों के बीच सांठगांठ कर बोली लगाई गई और ₹8.15 करोड़ में ठेका दे दिया गया। साथ ही आरोप यह भी था कि तत्कालीन अधीक्षण अभियंता आर. के. तिवारी ने बिना वैध अनुबंध और ₹16.50 लाख मूल्य की स्टाम्प ड्यूटी जमा कराए बगैर ही पार्किंग का कब्जा ठेकेदार को सौंप दिया।
Covid 19 के नाम पर 400 दिन और बाद में 229 दिन पार्किंग का अनुबंध को बढाया गया इसके साथ ही पार्किंग रेट भी बढ़ा दिए गए..
एक ठेकेदार द्वारा इस प्रक्रिया को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की गई थी, जिसके आधार पर CBI को जांच सौंपी गई। सीबीआई ने केस दर्ज कर जांच के दौरान 46 गवाहों के बयान दर्ज किए गए और 100 से अधिक दस्तावेजों की जांच की गई.
CBI ने अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया कि कुल 629 दिनों की अवधि वृद्धि और पार्किंग शुल्क में की गई बढ़ोतरी नियमों के अनुसार उचित प्रक्रिया के तहत की गई थी इसमें कोई गलती नहीं की गई है
हालांकि, CBI ने यह भी पाया कि नीलामी और अनुबंध प्रक्रिया में वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित प्रशासनिक चूकें की गई थीं, जिन पर विभागीय स्तर पर कार्रवाई आवश्यक है। इसी अनुशंसा के आधार पर उत्तराखंड शासन ने तत्कालीन अधीक्षण अभियंता आर. के. तिवारी को निलंबित कर दिया है।
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